त्योहारी मांग से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

बाजार सूत्रों ने बताया कि वैसे तो त्योहारों की मांग बढ़ने से अपने पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव में सुधार है पर वास्तविकता यह है कि सूरजमुखी, कपास (जिससे प्राप्त होने वाले कपास बीज से बिनौला तेल निकलता है), सोयाबीन, मूंगफली जैसी फसलों के दाम, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं।

त्योहारी मांग में आई तेजी के बीच शुक्रवार को स्थानीय बाजार में सरसों एवं मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतों में सुधार आया। नमीयुक्त सोयाबीन की नयी फसल की कमजोर लिवाली से सोयाबीन तिलहन के दाम स्थिर रहे।

शिकागो एक्सचेंज में घट-बढ़ है। जबकि दोपहर 3.30 बजे मलेशिया एक्सचेंज मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। बृहस्पतिवाह को यहां मजबूती का रुख था जबकि देश के तेल-तिलहन बाजार दशहरा और गांधी जयंती के मौके पर बंद थे।

बाजार सूत्रों ने बताया कि वैसे तो त्योहारों की मांग बढ़ने से अपने पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव में सुधार है पर वास्तविकता यह है कि सूरजमुखी, कपास (जिससे प्राप्त होने वाले कपास बीज से बिनौला तेल निकलता है), सोयाबीन, मूंगफली जैसी फसलों के दाम, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं।

सूत्रों ने कहा कि त्योहारी मांग के कारण सरसों तेल-तिलहन में सुधार है और तेजड़ियों की ओर से सरसों में तेजी लाने के प्रयास भी किये जा रहे हैं। लेकिन देखा जाये तो मंहगा होने से मांग अपेक्षा के अनुकूल नहीं है। त्योहारों के दौरान सामान्यतया उपभोक्ताओं में रिफाइंड खाद्यतेलों की मांग अधिक रहती है। दिवाली के बाद सरसों की बिजाई भी शुरु होनी है।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन की नयी फसलें मंडियों में आनी शुरु हुई हैं। दिवाली के बाद आवक और बढ़ेगी। सोयाबीन की नयी फसल में नमी होने के कारण लिवाली प्रभावित रहने के बीच सोयाबीन तिलहन के दाम स्थिर रहे। उपभोक्ताओं में सोयाबीन के पूराने स्टॉक की मांग है। दूसरी ओर, सबसे सस्ता होने और त्योहारी मांग की वजह से सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन के मुकाबले पामोलीन तेल का दाम मंहगा होने की वजह से बाकी ‘साफ्ट’ तेलों के दाम मजबूत हैं जिसके असर की वजह से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम भी मजबूत हुए हैं। मलेशिया में संभवत: सट्टेबाजी के कारण पामोलीन के दाम ऊंचा बोले जा रहे हैं। जाड़े में जमने के गुण के कारण पाम-पामोलीन की मांग कुछ प्रभावित रहती है लेकिन पामोलीन का दाम ऊंचा होने की वजह से त्योहारी मौसम में अन्य तेल-तिलहनों के दाम भी सुधरे हैं।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,050-7,100 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,350-5,725 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,140-2,440 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,475-2,575 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,475-2,610 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,425 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,180 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,750 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,450 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,450 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,350 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,575-4,625 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,275-4,375 रुपये प्रति क्विंटल।

Published: October 3, 2025, 19:24 IST
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