सिंपल एनर्जी ने दुर्लभ पृथ्वी तत्व से मुक्त मोटर का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया

र्लभ पृथ्वी तत्वों की खदानें सीमित होने के साथ ही उनका प्रसंस्करण मुश्किल और प्रदूषणकारी है। इनकी वैश्विक आपूर्ति पर चीन का दबदबा बना हुआ है। ऐसे में चीन द्वारा निर्यात सीमित करने पर दुनिया भर के उद्योगों पर असर पड़ता है।इस पहलू को ध्यान में रखते हुए कई कंपनियां ‘दुर्लभ पृथ्वी तत्व से मुक्त मोटर’ के विकास की कोशिश कर रही हैं। इससे इन तत्वों पर निर्भरता कम होगी और आपूर्ति शृंखला अधिक सुरक्षित बन पाएगी।

आईपीओ लाने की तैयारी कर रही इलेक्ट्रिक स्कूटर विनिर्माता सिंपल एनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उसने होसुर संयंत्र में देश की पहली दुर्लभ पृथ्वी तत्वों से मुक्त मोटर का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर दिया है।

कंपनी ने बयान में कहा कि इस कदम से उसकी ‘दुनिया के लिए, भारत में निर्मित’ दृष्टिकोण को मजबूती मिलेगी और टिकाऊ एवं भू-राजनीतिक रूप से स्वतंत्र आपूर्ति शृंखलाओं का रास्ता खुलेगा।

दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की खदानें सीमित होने के साथ ही उनका प्रसंस्करण मुश्किल और प्रदूषणकारी है। इनकी वैश्विक आपूर्ति पर चीन का दबदबा बना हुआ है। ऐसे में चीन द्वारा निर्यात सीमित करने पर दुनिया भर के उद्योगों पर असर पड़ता है।

इस पहलू को ध्यान में रखते हुए कई कंपनियां ‘दुर्लभ पृथ्वी तत्व से मुक्त मोटर’ के विकास की कोशिश कर रही हैं। इससे इन तत्वों पर निर्भरता कम होगी और आपूर्ति शृंखला अधिक सुरक्षित बन पाएगी।

सिंपल एनर्जी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुहास राजकुमार ने कहा, ‘‘वैश्विक आपूर्ति शृंखला में व्यवधान और कच्चे माल पर निर्भरता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का भविष्य आत्मनिर्भरता पर आधारित होना चाहिए। गहन स्थानीयकरण और ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण अब केवल आकांक्षा नहीं, बल्कि अनिवार्यता है।’’

कंपनी ने कहा कि नई मोटर लाइन पहले की ही तरह प्रदर्शन और ताकत मुहैया कराती है, लेकिन भारी दुर्लभ पृथ्वी खनिजों पर निर्भर नहीं रहती।

सिंपल एनर्जी ने इस प्रौद्योगिकी का आंतरिक स्तर पर ही विकास किया है जिसमें दुर्लभ पृथ्वी चुंबक की जगह अनुकूलित यौगिकों का उपयोग किया गया है।

इन दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति में वैश्विक रूप से अग्रणी चीन ने इस साल अप्रैल में निर्यात पर अंकुश लगा दिया था, जिससे घरेलू वाहन उद्योग पर बड़ा असर पड़ा है।

Published: September 16, 2025, 15:26 IST
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