BALCO ने भारत के सबसे बड़े स्मेल्टर से पहली धातु का उत्पादन किया

बाल्को के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और निदेशक राजेश कुमार ने कहा, ‘‘मिलियन टन क्लब में शामिल होने के साथ, बाल्को भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा में एक नया अध्याय लिख रही है।’’

Ambit Capital sees similarities between current metals developments and trends in Indian specialty chemicals post 2014

वेदांता एल्युमीनियम की इकाई भारत एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (बाल्को) ने देश के सबसे बड़े 525 किलो एम्पीयर (केए) स्मेल्टर से पहली धातु का उत्पादन करके भारत के एल्युमीनियम क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने यह जानकारी दी।

कंपनी ने बयान में कहा कि यह सफलता बाल्को की मौजूदा 10 लाख टन सालाना विस्तार परियोजना के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही यह एल्युमीनियम प्रगलन प्रौद्योगिकी में एक नया राष्ट्रीय मानक स्थापित करती है। बाल्को संयंत्र छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित है।

बयान में कहा गया कि 525 केए प्रगालक तकनीकी प्रगति में एक बड़ी छलांग का प्रतिनिधित्व करता है, जिसने 378 केए के पिछले भारतीय मानक को पीछे छोड़ दिया है।

बयान में कहा गया कि यह उपलब्धि भारत की एल्युमीनियम आत्मनिर्भरता और औद्योगिक विकास को गति देने में बाल्को की भूमिका को रेखांकित करती है।

इस नई क्षमता के चालू होने के साथ बाल्को की कुल एल्युमीनियम उत्पादन क्षमता 10 लाख टन प्रति वर्ष तक पहुंच जाएगी, जिससे कंपनी ‘मिलियन टन क्लब’ के चुनिंदा वैश्विक उत्पादकों में शामिल हो जाएगी।

इस विस्तार के साथ बाल्को भारत के कुल एल्युमीनियम उत्पादन में 20 प्रतिशत से अधिक का योगदान देगी और देश की औद्योगिक प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाएगी।

बाल्को के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और निदेशक राजेश कुमार ने कहा, ‘‘मिलियन टन क्लब में शामिल होने के साथ, बाल्को भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा में एक नया अध्याय लिख रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस विस्तार के जरिये हम न केवल घरेलू क्षमता को बढ़ा रहे हैं, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रहे हैं, संबद्ध उद्योगों को बढ़ावा दे रहे हैं और छत्तीसगढ़ तथा उसके बाहर आर्थिक वृद्धि को गति दे रहे हैं।’’

Published: October 12, 2025, 16:23 IST
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