इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सचिव एस कृष्णन ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के अगले चरण की रूपरेखा के साथ तैयार है और इसके क्रियान्वयन के लिए आंतरिक रूप से चर्चा चल रही है.
कृष्णन ने आईईएसए विजन शिखर सम्मेलन में कहा कि सरकार देश में महत्वाकांक्षी चिप डिजाइन परियोजनाओं के साथ-साथ सेमीकंडक्टर पैकेजिंग डिजाइन का बढ़ावा देने पर भी विचार कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सेमीकंडक्टर मिशन के अगले चरण पर काम जारी है. हमने कई पक्षों के साथ चर्चा की है… कि कार्यक्रम को कैसे डिजाइन किया जाए. डिजाइन और रूपरेखा तैयार है, और सरकार में आंतरिक रूप से विस्तृत चर्चा चल रही है.’’
कृष्णन ने डिजिटल माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि आईएसएम के दूसरे चरण में सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए आवश्यक गैसों और अन्य तत्वों के लिए समर्थन प्रदान करने का प्रस्ताव है.
उन्होंने कहा कि आईएसएम के पहले चरण में कुल 76,000 करोड़ रुपये के व्यय का निर्धारण किया गया है. इसमें चिप विनिर्माण और पैकेजिंग इकाइयों के लिए 65,000 करोड़ रुपये, मोहाली में सेमीकंडक्टर लैब के आधुनिकीकरण के लिए 10,000 करोड़ रुपये और डिजाइन आधारित प्रोत्साहन योजना के लिए 1,000 करोड़ रुपये शामिल हैं.
कृष्णन ने कहा, ‘‘हमने वर्तमान में निर्माणाधीन पांच प्रमुख इकाइयों के लिए 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रतिबद्धता जताई है. इसके अलावा, हमारे पास कुछ और परियोजनाएं हैं जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है और उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी.’’
उन्होंने कहा कि फैबलेस परिवेश को और अधिक कुशलता से काम करने के लिए और अधिक सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है.
कृष्णन ने कहा, ‘‘डिजाइन आधारित प्रोत्साहन योजना में और बदलाव किए जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह देश में अधिक महत्वाकांक्षी डिजाइन के क्षेत्र में नवोन्मेष और डिजाइन पहल का समर्थन करने की स्थिति में हो….’’