
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं में सक्रिय रूप से जुटा है और सरकार को उम्मीद है कि यह बातचीत जल्द ऐसे नतीजे पर पहुंचेगी, जिससे भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में गहरी बाजार पहुंच मिल सके.
अग्रवाल ने निर्यातकों के संगठन फियो के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत के सबसे बड़े बाजार अमेरिका में इस समय उच्च शुल्क लगे होने के बावजूद भारतीय निर्यातकों ने अमेरिका में अपने निर्यात को काफी हद तक बरकरार रखा है.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत, अमेरिका के साथ गहन बातचीत कर रहा है, जो भारतीय निर्यातकों का सबसे बड़ा बाजार है और जहां फिलहाल सबसे अधिक शुल्क लागू हैं. हमें उम्मीद है कि यह वार्ता जल्द पूरी होगी और इसके जरिये अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यातकों को पहले जैसी गहरी बाजार पहुंच मिल सकेगी.’’
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा है कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत उन्नत चरण में है. इस दिशा में अमेरिका के उप व्यापार प्रतिनिधि रिक स्विट्जर हाल में भारत आए थे और बातचीत का ताजा दौर 11 दिसंबर को समाप्त हुआ.
अब तक इस व्यापार समझौते को लेकर छह दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं. इसका पिछला दौर 11 दिसंबर को पूरा हुआ है.
समझौते के तहत अमेरिका कृषि उत्पादों एवं कुछ औद्योगिक वस्तुओं पर शुल्क रियायतें चाहता है. हालांकि, भारत ने कृषि एवं डेयरी क्षेत्रों में रियायतों का कड़ा विरोध किया है और किसानों एवं एमएसएमई के हितों से समझौता न करने की बात कही है.
अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं को देखते हुए वर्ष 2030 तक 2,000 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सरकार इस दिशा में मुक्त व्यापार समझौतों और अन्य उपायों के जरिए आगे कदम बढ़ा रही है.
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