
अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ द्वारा मंगलवार को जारी दूसरे अनुमान के अनुसार, सितंबर में समाप्त होने वाले 2024-25 सत्र में भारत का चीनी उत्पादन 19 प्रतिशत घटकर 25.8 मिलियन टन रहने की उम्मीद है, जो पिछले सत्र में 31.9 मिलियन टन था. नवीनतम अनुमान AISTA के 26.52 मिलियन टन के पहले अनुमान से 0.72 मिलियन टन कम है, जिसमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात में कम उत्पादन को शामिल किया गया है.
पीटीआई के मुताबिक, भारत के सबसे बड़े चीनी उत्पादक महाराष्ट्र में पिछले सत्र के 11 मिलियन टन से घटकर 8 मिलियन टन उत्पादन होने की उम्मीद है. देश के दूसरे शीर्ष उत्पादक उत्तर प्रदेश में उत्पादन 9 मिलियन टन रहने का अनुमान है, जो पहले अनुमान से अपरिवर्तित है, लेकिन पिछले सत्र में दर्ज 10.4 मिलियन टन से कम है.
कर्नाटक में चीनी उत्पादन 4.10 मिलियन टन रहने का अनुमान है, जो शुरुआती अनुमान से थोड़ा अधिक है, लेकिन पिछले साल के 5.3 मिलियन टन से कम है. एआईएसटीए ने कहा कि ये अनुमान 2 प्रतिशत से अधिक या कम हो सकते हैं.
इथेनॉल उत्पादन के लिए सुक्रोज का उपयोग 0.4 मिलियन टन के पहले के अनुमान से 3.8 मिलियन टन होने की उम्मीद है. 7.98 मिलियन टन के शुरुआती स्टॉक को शामिल करते हुए, कुल चीनी उपलब्धता 33.78 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो 29 मिलियन टन की घरेलू खपत से अधिक है. निर्यात 1 मिलियन टन होने का अनुमान है, जबकि अंतिम स्टॉक 3.78 मिलियन टन होने की उम्मीद है.