
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जॉर्डन की कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए मंगलवार को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे अपने निवेश पर अच्छे प्रतिफल की उम्मीद कर सकती हैं क्योंकि देश आठ प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि कर रहा है।
मोदी ने यहां आयोजित ‘इंडिया-जॉर्डन बिजनेस फोरम’ की बैठक में कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और यह जॉर्डन की कंपनियों के लिए वृद्धि गाथा का हिस्सा बनने का अवसर है।
उन्होंने कहा कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि आंकड़ा उत्पादकता-आधारित राजकाज और नवाचार-प्रेरित विकास नीतियों के कारण उच्च बना है।
मोदी ने कहा कि उद्योग जगत में आंकड़े महत्वपूर्ण हैं लेकिन वे दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंध स्थापित करने के लिए जॉर्डन आए हैं।
उन्होंने कहा, “ भारत और जॉर्डन के बीच संबंध ऐतिहासिक विश्वास और भविष्य के आर्थिक अवसरों का संगम है। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तेजी से वृद्धि कर रहा है और जॉर्डन की कंपनियों के लिए भी अवसरों के नए द्वार खुल रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ आप (जॉर्डन) भारत की उच्च वृद्धि दर में भागीदार बन सकते हैं और अपने निवेश पर अच्छा प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।”
मोदी ने कहा कि जॉर्डन में भारतीय कंपनियां दवाइयों और चिकित्सकीय उपकरणों का विनिर्माण कर सकती हैं। इससे जॉर्डन के लोगों को लाभ होगा और देश पश्चिम एशिया और अफ्रीका के लिए एक विश्वसनीय केंद्र भी बन सकता है।
द्विपक्षीय सहयोग के संभावित क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि शुष्क जलवायु में खेती करने का भारत के पास व्यापक अनुभव है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा यह अनुभव जॉर्डन में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। हम प्रौद्योगिकी का उपयोग कर उपयुक्त खेती और सूक्ष्म सिंचाई जैसे समाधानों पर काम कर सकते हैं। हम कोल्ड चेन, फूड पार्क और भंडारण सुविधाओं के निर्माण में भी सहयोग कर सकते हैं।’’
मोदी सोमवार को जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचे। वह किंग अब्दुल्ला द्वितीय के निमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे हैं।
जॉर्डन, प्रधानमंत्री के चार दिवसीय तीन देशों की यात्रा का पहला पड़ाव है। इसके बाद वह इथियोपिया और ओमान भी जाएंगे।
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