
सॉफ्टबैंक समर्थित मीशो को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए 4,250 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है। ई-कॉमर्स कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि आईपीओ के लिए प्रस्ताव 25 जून को असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में पारित किया गया था।
सूचना के अनुसार, शेयरधारकों ने नए शेयर जारी करके 4,250 करोड़ रुपये तक जुटाने को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी मीशो द्वारा अमेरिका से भारत में अपना मुख्यालय बदलने के बाद मिली है। शेयरधारकों ने मीशो के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विदित आत्रे का पद बदलकर उन्हें कंपनी का चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) नियुक्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, मीशो अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) भारतीय बाजार नियामक SEBI के कॉन्फिडेंशियल रूट से दाखिल करेगी. इस पब्लिक ऑफरिंग में 4,250 करोड़ रुपये के फ्रेश इश्यू के अलावा, कुछ मौजूदा निवेशक भी अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे. कंपनी के शेयरहोल्डर्स ने मीशो के सह-संस्थापक विदित आत्रे को कंपनी का चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ नियुक्त करने को भी मंजूरी दे दी है.
मीशो ने अपनी लीगल कंपनी का नाम Fashnear Technologies Pvt Ltd से बदलकर अब Meesho Private Limited कर लिया है. यह नाम परिवर्तन 13 मई को मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स द्वारा जारी किए गए सर्टिफिकेट में दर्ज है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में 1.8 अरब ऑर्डर दर्ज किए हैं, जो कि पिछले साल की तुलना में 37 फीसदी अधिक हैं. FY24 में कंपनी ने 1.3 अरब ऑर्डर पूरे किए थे. यह आंकड़ा मीशो के प्रमुख निवेशक Prosus द्वारा साझा की गई एक प्रेजेंटेशन में सामने आया.
मीशो अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जिसने भारत में अपनी डोमिसाइल शिफ्ट की है. इससे पहले PhonePe, Groww, और Zepto जैसी कंपनियां भी भारत में शिफ्ट हो चुकी हैं. PhonePe के निवेशकों (जिनमें Walmart शामिल है) ने इस बदलाव के लिए भारत सरकार को करीब 8,000 करोड़ रुपये का टैक्स भी चुकाया था. अब देश की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी Flipkart भी भारत में अपना रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया में है.
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