
देश के 7 प्रमुख शहरों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) दफ्तरों के लिए पट्टे पर शुद्ध रूप से जगह लेने के मामले में शीर्ष पर है और बीते साल यह 61 प्रतिशत बढ़कर 95 लाख वर्ग फुट रहा. संपत्ति परामर्श कंपनी एनारॉक की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. मुख्य रूप से वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की मजबूत मांग से कार्यालय के लिए शुद्ध रूप से पट्टे पर जगह ली गयी है.
एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, देश के शीर्ष सात शहरों…एनसीआर, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई महानगर क्षेत्र, पुणे और कोलकाता… में शुद्ध रूप से कार्यालय के लिए ली गई जगह सालाना आधार पर 29 प्रतिशत बढ़कर लगभग पांच करोड़ वर्ग फुट तक पहुंच गयी, जो 2023 में 3.86 करोड़ वर्ग फुट थी. इसमें एनसीआर 19 प्रतिशत प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर रहा.
रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान कुल लेन-देन में सह-कार्यालय क्षेत्र का योगदान 2023 के मुकाबले छह प्रतिशत बढ़कर 34 प्रतिशत रहा. वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी)-सूचना प्रौद्योगिकी संबंधित क्षेत्र की हिस्सेदारी तीन प्रतिशत घटकर 29 प्रतिशत रही, जबकि परामर्श कंपनियों का हिस्सा 12 प्रतिशत रहा.
एनारॉक ग्रुप के प्रबंध निदेशक (वाणिज्यिक पट्टा एवं परामर्श) पीयूष जैन ने कहा, “रियल एस्टेट बाजार के लिए 2024 एक परिवर्तनकारी वर्ष के रूप में उभरा. इसकी विशेषता मजबूत मांग, विविध क्षेत्रों द्वारा रणनीतिक विस्तार और प्रमुख बाजारों में किराये में अच्छी वृद्धि है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘शीर्ष सात शहरों में लगभग पांच करोड़ वर्ग फुट की शुद्ध कार्यालय मांग थी, जिसमें एनसीआर की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत रही.”
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एनसीआर के बाजार में नए कार्यालय निर्माण में कमी देखी गई. यह 2024 में 22 प्रतिशत घटकर 59 लाख वर्ग फुट रह गया, जबकि 2023 में यह 76 लाख वर्ग फुट था.
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