
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड ने मैन्युफैक्चरिंग थीम पर आधारित एक नया फंड ऑफर (NFO) लॉन्च किया है. यह नया फंड ऑफर — Nippon India Nifty India Manufacturing ETF और Nippon India Nifty India Manufacturing Index Fund 6 अगस्त से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है और 20 अगस्त 2025 तक खुला रहेगा.
यह नया फंड ऐसे समय पर लाया गया है जब भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर फिर से तेजी पकड़ रहा है. टेक कंपनी Apple जैसी बड़ी कंपनियां अपना प्रोडक्शन भारत शिफ्ट कर रही हैं और देश खुद को एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. यह रफ्तार साफ देखी जा सकती है.
अनुमान के मुताबिक, भारत अगले साल मैन्युफैक्चरिंग में 1 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लेगा. अभी मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी भारत की GDP में 17% है और आने वाले सालों में इसके और बढ़ने की उम्मीद है. निप्पॉन का यह नया फंड ऑफर Nifty India Manufacturing Index को ट्रैक करेगा.
इस इंडेक्स में कैपिटल गुड्स, ऑटो, मेटल्स, हेल्थकेयर, केमिकल्स वगैरह जैसी कंपनियों को शामिल किया गया है. इसमें उन सेक्टर्स की कंपनियों को चुना गया है जो मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े हैं, जैसा कि AMFI फ्रेमवर्क के तहत तय किया गया है. साथ ही, इसमें ऑटो और कैपिटल गुड्स जैसे मुख्य सेक्टर्स को न्यूनतम हिस्सेदारी देने और अधिकतम वेट लिमिट लगाने जैसे नियमों का पालन किया गया है. इसमें निवेश Nifty 100, Nifty Midcap 150 और Nifty Smallcap 50 की यूनिवर्स से चुनी गई टॉप 300 कंपनियों में किया जाता है.
जैसे-जैसे भारत मैन्युफैक्चरिंग के दम पर ग्रोथ के नए दौर में प्रवेश कर रहा है, वैसे-वैसे यह फंड देश की मजबूत आर्थिक स्थिति को भुनाने की कोशिश कर रहा है. भारत की अर्थव्यवस्था के 7% से ऊपर की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जिसे 28.2 साल की औसत उम्र वाली युवा आबादी और 68% कामकाजी उम्र वाले लोगों का आधार सपोर्ट कर रहा है.
सस्ते वेतन ढांचे, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी कॉर्पोरेट टैक्स रेट और PLI, गति शक्ति और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं के जरिए सरकार की मजबूत पॉलिसी सपोर्ट के चलते बड़े पैमाने पर इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट आ रहे हैं. पिछले 10 सालों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में FDI में 69% की बढ़त हुई है.
दुनिया भर के मैन्युफैक्चरर्स अब चीन-प्लस-वन रणनीति अपना रहे हैं और भारत इसका बड़ा फायदा उठाता दिख रहा है. इससे घरेलू डिमांड, सप्लाई चेन में बदलाव और कंज़्यूमर सेक्टर में प्रीमियमाइजेशन जैसी लंबी अवधि की संभावनाएं पैदा हो रही हैं.
यह फंड ETF और इंडेक्स फंड दोनों फॉर्मेट में उपलब्ध है. निवेशकों को इसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की डाइवर्सिफाइड टोकरी में कम लागत में निवेश करने का मौका मिलता है, जिसमें इंडेक्स की पूरी पारदर्शिता होती है और ट्रैकिंग एरर भी बहुत कम होता है. ETF में इन्ट्राडे लिक्विडिटी यानी दिन में कभी भी खरीद-बिक्री की सुविधा मिलती है.
जो निवेशक भारत की अगली इंडस्ट्रियल ग्रोथ का हिस्सा बनना चाहते हैं, उनके लिए यह NFO एक नियम-आधारित, सेक्टर-स्पेसिफिक निवेश का बेहतरीन विकल्प है जो दीर्घकालिक आर्थिक बुनियादों (long-term economic fundamentals) पर आधारित है.
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