सरकार के महत्वाकांक्षी ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ के पहले चरण में अब तक 10 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है और दो-तीन अन्य चिप परियोजनाओं को इसमें शामिल किए जाने की संभावना है. एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि 76,000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर मिशन के तहत सरकार अब तक 62,900 करोड़ रुपये यानी कुल प्रोत्साहन राशि का 97 प्रतिशत हिस्सा चिप विनिर्माण योजनाओं को आवंटित कर चुकी है.
उन्होंने आईसीईए-सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट डिजाइन लीडरशिप फोरम के शुभारंभ पर कहा, “हम पहले चरण में जो कर सकते थे, वह लगभग पूरा हो गया है. अब यह देखना है कि आगे क्या करना है और कैसे करना है.”
सरकार ने मिशन के तहत सेमीकंडक्टर चिप उत्पादन के लिए 65,000 करोड़ रुपये, मोहाली सेमीकंडक्टर लैब के आधुनिकीकरण के लिए 10,000 करोड़ रुपये और डिजाइन संबद्ध प्रोत्साहन योजना के लिए 1,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं.
कृष्णन ने कहा कि भारत को विश्व स्तर पर सेमीकंडक्टर डिजाइन का ऐसा केंद्र बनाना होगा जहां भारतीय कंपनियां न केवल देश के लिए बल्कि वैश्विक बाजार के लिए भी चिप बनाएं.
उन्होंने उद्योग जगत से सेमीकॉन इंडिया जैसे आयोजनों का लाभ उठाकर भारतीय बौद्धिक संपदा को वैश्विक मंच तक पहुंचाने की अपील की.
इस अवसर पर पूर्व सचिव आर एस शर्मा ने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र अब केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक प्रभाव का भी विषय बन गया है. उन्होंने भारत को भी अमेरिका, ताइवान, कोरिया और जापान की तरह विश्वविद्यालयों, स्टार्टअप्स और उद्योगों के साथ जुड़ा गहन अनुसंधान तंत्र तैयार करने का सुझाव दिया.