
वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) अस्तित्व और स्थिरता के दौर से आगे बढ़ चुके हैं और अब ‘विकसित भारत 2047’ की यात्रा में वृद्धि, नवाचार और नेतृत्व की बड़ी भूमिका निभाने को तैयार हैं. नागराजू ने शनिवार को संपन्न हुए दो दिवसीय पीएसबी मंथन को संबोधित करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से वैश्विक स्तर पर मुकाबला करने की आकांक्षा रखने को कहा.
उन्होंने शासन और परिचालन लचीलेपन को मजबूत करने तथा पारंपरिक और उभरते उद्योगों में अपनी भूमिका बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया. वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा आयोजित ‘पीएसबी मंथन 2025’ का विषय – विकसित भारत के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकिंग की पुनर्कल्पना था.
इस कार्यक्रम में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी, नियामक, उद्योग विशेषज्ञ, शिक्षाविद, प्रौद्योगिकीविद् और बैंकिंग व्यवसायी शामिल हुए. कार्यक्रम में ग्राहक अनुभव, शासन, नवाचार, ऋण वृद्धि, जोखिम प्रबंधन और प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण पर चर्चा हुई. वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि प्रमुख सुझावों में अगली पीढ़ी की तकनीकों को अपनाना, साझा बुनियादी ढांचा बनाना और व्यक्तिगत उत्पादों को तैयार करना शामिल था.