
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को रुपया पांच पैसे की तेजी के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.74 पर बंद हुआ. इस बढ़त का मुख्य कारण वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बीच घरेलू शेयर बाजार में मजबूती के रुख है.
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हालांकि, विदेशी बाजार में डॉलर के मजबूत होने और विदेशी पूंजी के निरंतर निकासी से रुपये पर दबाव पड़ा और लाभ सीमित हो गया.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.75 पर खुला. कारोबार के अंत में 88.83 और 88.74 के बेहद सीमित दायरे में घट-बढ़ के बाद कारोबार के अंत में 88.74 पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से पांच पैसे की मजबूती को दर्शाता है.
रुपया शुक्रवार को आठ पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.79 पर बंद हुआ.
रुपया 30 सितंबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.80 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया था.
मिराए एसेट शेयरखान के मुद्रा एवं जिंस के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘ हमारा अनुमान है कि घरेलू बाजारों में मजबूती और अमेरिकी डॉलर में समग्र कमजोरी से रुपया सकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा. वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में कमजोरी भी रुपये के लिए फायदेमंद हो सकती है. हालांकि, डॉलर के लिए आयातक मांग तेज बढ़त को रोक सकती है. डॉलर/रुपये की हाजिर कीमत 88.50 से 89 के बीच रहने का अनुमान है.’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.73 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.43 पर आ गया.
घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 582.95 अंक उछलकर 81,790.12 अंक पर जबकि निफ्टी 183.40 अंक की बढ़त के साथ 25,077.65 अंक पर बंद हुआ.
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.61 प्रतिशत की बढ़त के साथ 65.58 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा.
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने सोमवार को शुद्ध रूप से 313.77 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
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