
भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए बातचीत में तेजी आ रही है। दोनों देशों के मुख्य वार्ताकारों के बीच पहली आमने-सामने की तीन दिवसीय वार्ता 23 अप्रैल को वाशिंगटन में शुरू होने वाली है। अमेरिका ने भारत को जवाबी शुल्क से 90 दिन की राहत दी है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस दौरान दोनों देश किसी सहमति पर पहुंच जाएंगे। दोनों पक्षों ने व्यापार समझौते के लिए संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को भी अंतिम रूप दिया है। अमेरिका और भारत की कोशिश है कि इस साल सितंबर-अक्टूबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण को पूरा कर लिया जाए।
इसके तहत, दोनों पक्ष सीमित संख्या में वस्तुओं के लिए अधिक बाजार पहुंच और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने जैसे मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं। इससे बाद के चरणों में अधिक जटिल वार्ता (जैसे सरकारी खरीद और डिजिटल व्यापार जैसे मुद्दे) के लिए मंच तैयार हो सकता है। भारत ने पहले भी ऑस्ट्रेलिया के साथ इस तरह चरणों में समझौता किया है। भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता 29 दिसंबर, 2022 को लागू हुआ था। अब दोनों देश इसके दायरे को बढ़ाकर एक व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए टीओआर में लगभग 19 अध्याय हैं। इनमें शुल्क, सामान, गैर-शुल्क बाधाएं और सीमा शुल्क सुविधा जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है।
वार्ता को और गति देने के लिए भारत का एक आधिकारिक दल अगले सप्ताह अमेरिका जा रहा है। भारत के मुख्य वार्ताकार, वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल, दोनों देशों के बीच आमने-सामने की पहली वार्ता के लिए टीम का नेतृत्व करेंगे। अग्रवाल को 18 अप्रैल को अगले वाणिज्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। वह एक अक्टूबर से पदभार ग्रहण करेंगे। वाशिंगटन में अमेरिकी समकक्षों के साथ भारतीय आधिकारिक टीम की तीन दिवसीय वार्ता बुधवार (23 अप्रैल) से शुरू होगी। बातचीत में शुल्क, गैर-शुल्क बाधाएं, उत्पत्ति के नियम और विनियामक मामले जैसे मुद्दे शामिल होंगे। तीन दिवसीय विचार-विमर्श महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पहले कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा घोषित 90-दिन के शुल्क विराम के दौरान अंतिम रूप दिया जा सकता है।
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