
क्रिसिल इंटेलिजेंस ने अपनी सितंबर की रिपोर्ट में कहा कि भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका के उच्च शुल्क लगाने से देश की वृद्धि के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा हो गया है.
रिपोर्ट में कहा गया कि शुल्क भारतीय वस्तुओं के निर्यात और निवेश दोनों को प्रभावित करेंगे.
हालांकि, क्रिसिल इंटेलिजेंस ने यह भी कहा कि कम मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में कटौती से प्रेरित घरेलू खपत से वृद्धि को समर्थन मिलने की उम्मीद है.
देश की जीडीपी वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 7.4 प्रतिशत थी.
रिपोर्ट में कहा गया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के चालू वित्त वर्ष में पिछले वर्ष के 4.6 प्रतिशत से घटकर 3.5 प्रतिशत रहने की संभावना है.
इसमें यह भी कहा गया कि कृषि क्षेत्र की अच्छी वृद्धि से खाद्य मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहने की उम्मीद है, हालांकि अत्यधिक वर्षा के प्रभाव का अभी पूरी तरह से आकलन नहीं किया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया कि कच्चे तेल की कम कीमतों और वैश्विक स्तर पर जिंस कीमतों में नरमी से गैर-खाद्य मुद्रास्फीति पर लगाम लगने की उम्मीद है.
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