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केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में भारत की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 472.47 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) थी। इसमें गैस आधारित क्षमता 20.13 गीगावाट थी।
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बीएसई सेंसेक्स नेक्स्ट 30 टीआरआई ने लगातार बीएसई सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे यह ईटीएफ श्रेणी में एक आकर्षक निवेश विकल्प बन गया है.
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टाइम पत्रिका के अनुसार, परमार्थ कार्यों के क्षेत्र में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की 2025 की यह सूची बयां करती है कि कैसे ये लोग उन जरूरतमंदों को मदद कर रहे हैं, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
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विदेशी पूंजी की निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से भी रुपये पर दबाव पड़ा। हालांकि, अमेरिकी डॉलर सूचकांक में नरमी ने इस गिरावट को सीमित किया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.47 प्रति डॉलर पर खुला।
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बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में सुधार और स्थानीय मांग में आई तेजी के बीच सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार रहा जबकि विदेशों में तेजी के कारण सोयाबीन तेल कीमतों में मजबूती रही।
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फडणवीस ने कहा, ‘‘यदि किसानों को कृषि ऋण नहीं मिलता है, तो इसका अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और किसान आत्महत्याएं बढ़ती हैं। हमने बैंकों को बार-बार निर्देश दिया है कि वे सिबिल (स्कोर) न मांगें, फिर भी वे ऐसा करना जारी रखे हैं।
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इससे पहले मई, 2024 में बिजली की अधिकतम मांग 7,174 मेगावाट, 2023 में 5,953 मेगावाट और 2022 में 7,070 मेगावाट थी।
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पीठ ने वोडाफोन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा, ''हम इन याचिकाओं से वाकई हैरान हैं जो हमारे सामने आई हैं। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से इसकी उम्मीद नहीं की जाती। हम इसे खारिज करेंगे।''
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भारत ने 17 मई को बांग्लादेश से 77 करोड़ डॉलर के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया, जो द्विपक्षीय आयात का लगभग 42 प्रतिशत था। परिधान, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और प्लास्टिक की वस्तुओं जैसे प्रमुख सामान अब चुनिंदा समुद्री बंदरगाहों तक सीमित हैं या भूमि मार्गों से पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं।
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भारत ने शनिवार को बांग्लादेश से केवल कोलकाता और न्हावा शेवा समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से तैयार कपड़ों के प्रवेश की अनुमति देने का निर्णय लिया तथा पूर्वोत्तर में स्थल पारगमन चौकियों के माध्यम से उपभोक्ता वस्तुओं के आयात पर रोक लगा दी।