
देश का इंजीनियरिंग निर्यात मई महीने में सालाना आधार पर 0.82 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 9.89 अरब डॉलर रह गया. पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव इसकी मुख्य वजह रही.
ईईपीसी इंडिया ने बयान में कहा कि इस अवधि में देश के समग्र वस्तु निर्यात में इंजीनियरिंग वस्तुओं की हिस्सेदारी बढ़कर 25.53 प्रतिशत हो गई.
प्रमुख निर्यातक देशों में शीर्ष गंतव्य अमेरिका को भारत का इंजीनियरिंग निर्यात मई में सालाना आधार 4.6 प्रतिशत बढ़कर 1.74 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. चीन को इंजीनियरिंग निर्यात सालाना आधार पर 21.859 करोड़ डॉलर की तुलना में 5.1 प्रतिशत घटकर 20.736 करोड़ डॉलर रह गया.
ईईपीसी के अनुसार जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, इटली जैसे देशों को इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात में इस वर्ष मई में सकारात्मक वृद्धि देखी गई, जबकि मेक्सिको, तुर्किये और वियतनाम को निर्यात में गिरावट आई.
बयान में कहा गया कि संचयी आधार पर, भारत का इंजीनियरिंग निर्यात 2025-26 की अप्रैल-मई अवधि में 4.77 प्रतिशत बढ़कर 19.40 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की समान अवधि में यह 18.52 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था.
ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा कि भविष्य में दुर्लभ खनिज (पृथ्वी चुंबक) जैसी प्रौद्योगिकियों के विकास और इंजीनियरिंग निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नए बाजारों की खोज के लिए सरकारी समर्थन महत्वपूर्ण होगा.
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