
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में बदलाव से उत्पन्न व्यवधानों के कारण जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान दैनिक उपभोग का घरेलू सामान (एफएमसीजी) क्षेत्र की बिक्री की वृद्धि मात्रा के हिसाब से धीमी होकर 5.4 प्रतिशत रह गई। दूसरी ओर मूल्य वृद्धि बढ़कर 12.9 प्रतिशत हो गई।
डेटा विश्लेषण कंपनी नीलसनआईक्यू की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण बाजार में भी सालाना आधार पर गिरावट आई और यह 8.4 प्रतिशत से घटकर 7.7 प्रतिशत हो गया। हालांकि यह लगातार सातवीं तिमाही में शहरी क्षेत्रों में बिक्री की गति से आगे रहा।
इसमें कहा गया, ‘‘ बाजार में मात्रा के लिहाज से 5.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि कीमतों में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इकाई (यूनिट) संबंधी वृद्धि, समग्र मात्रा वृद्धि से अधिक रही जो छोटे पैकट के प्रति उपभोक्ताओं की मजबूत पसंद का संकेत है।’’
शहरी बाजार में खासकर छोटे शहरों में मामूली सुधार हो रहा है। हालांकि क्रमिक रूप से इसमें मंदी देखी गई। शहरी बाजार एफएमसीजी मांग में इसकी बड़ी हिस्सेदारी है।
ग्रामीण बाजार सामर्थ्य से प्रेरित रहा जिसकी एफएमसीजी मांग में करीब 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
भारत में नीलसनआईक्यू के ग्राहक सफलता (एफएमसीजी) प्रमुख शारंग पंत ने कहा, ‘‘ भारतीय एफएमसीजी क्षेत्र लगातार मजबूती दिखा रहा है और ग्रामीण बाजार लगातार सातवीं तिमाही में अग्रणी रहा है। शहरी क्षेत्रों में खासकर छोटे शहरों में, सुधार की गति तेज हो रही है। हालांकि ग्रामीण मांग बिक्री विस्तार का आधार बनी हुई है। ई-कॉमर्स, खासकर शीर्ष आठ महानगरों में विकास का एक प्रमुख इंजन बना हुआ है।’’
ई-कॉमर्स ने एफएमसीजी में भी वृद्धि दर्ज की और सभी आठ महानगरों में कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी एक प्रतिशत बढ़ गई।
उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति में कमी के साथ, उपभोग का परिदृश्य आशावादी बना हुआ है तथा उपभोग पर जीएसटी बदलावों का प्रभाव अगली दो तिमाहियों में दिखने की उम्मीद है।
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