ग्रो की मूल कंपनी बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दस्तावेज दाखिल किए हैं।
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने सोमवार को बताया कि ‘स्टॉक ब्रोकिंग’ कंपनी ने गोपनीय मार्ग के जरिये भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष दस्तावेज दाखिल किए हैं। आईपीओ का अनुमानित आकार 70 करोड़ डॉलर से एक अरब डॉलर के बीच हो सकता है। यह नए निर्गम और बिक्री पेशकश (ओएफएस) का संयोजन होगा।
बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स ने सोमवार को सार्वजनिक घोषणा में कहा, ‘‘ कंपनी ने सेबी और शेयर बाजार के समक्ष आईपीओ के लिए दस्तावेज दाखिल किया है…’’
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कंपनी को पीक XV, टाइगर कैपिटल और माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला जैसे प्रमुख निवेशकों का समर्थन प्राप्त है। कंपनी आईपीओ से प्राप्त राशि का इस्तेमाल प्रौद्योगिकी विकास एवं कारोबार विस्तार में करने की योजना बना रही है।
निवेश मंच का मूल्य लगभग सात अरब अमेरिकी डॉलर हो सकता है।
इस निर्गम का प्रबंधन करने के लिए ग्रो ने जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड और मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज लिमिटेड को नियुक्त किया है।
ग्रो की स्थापना 2016 में की गई थी। यह वित्त वर्ष 2024-25 में भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाला खुदरा ब्रोकिंग मंच बन गया जिसकी बाजार हिस्सेदारी मार्च, 2025 तक 26 प्रतिशत से अधिक थी।
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