
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय उद्योग जगत को अब बाज़ारों में ही नहीं, बल्कि विचारों, मानकों और समाधानों में भी अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार करना होगा।
उन्होंने उद्योग जगत से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का समर्थन करके और नेतृत्व में लैंगिक और जातिगत विविधता को बढ़ावा देकर समावेशिता की एक ताकत बनने का आह्वान किया।
सीआईआई-आईटीसी सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स के 19वें संस्करण को संबोधित करते हुए धनखड़ ने निजी क्षेत्र को नई परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहित करते हुए चार स्तंभों – गुणवत्ता, विश्वास, नवाचार और आधुनिक प्रासंगिकता के लिए पुनर्कल्पित प्राचीन ज्ञान पर ‘ब्रांड इंडिया’ के निर्माण का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने बताया कि निजी क्षेत्र को न केवल एक आर्थिक कर्ता के रूप में, बल्कि भारत के भविष्य के सह-निर्माता के रूप में भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
धनखड़ ने कहा, ‘‘हम भाड़े के सैनिक नहीं हैं, हम शोषण के पक्षधर नहीं हैं। हम समाज के भले के लिए अपने सपनों को साकार करने हेतु अपनी ऊर्जा के सकारात्मक उपयोग में विश्वास करते हैं। एक सच्चा विकसित राष्ट्र वह है जहां अवसर कुछ लोगों का विशेषाधिकार न होकर सभी का अधिकार हो।’’
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