
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 सितंबर को ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ के चौथे संस्करण का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य घरेलू खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करना और भारत को खाद्य क्षेत्र में नवोन्मेष के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में आयोजित होने वाले इस आयोजन में रूस के उप-प्रधानमंत्री दिमित्री पत्रिशेव के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (सड़क परिवहन), चिराग पासवान (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग) और राज्यमंत्री (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग) रवनीत सिंह बिट्टू भी भाग लेंगे।
पासवान ने इस आयोजन के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘वर्ल्ड फूड इंडिया केवल एक व्यापार प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि भारत को खाद्य नवोन्मेष, निवेश और पर्यावरण अनुकूल उपायों के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने का एक परिवर्तनकारी मंच है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को पिछले संस्करणों की सफलता को देखते हुए इस वर्ष निवेश प्रतिबद्धताओं में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि 2023 में हुए इस कार्यक्रम के दौरान, 33,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जबकि 2024 में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौतों पर ध्यान दिया गया था।
पासवान ने भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उपलब्ध क्षमता का उल्लेख किया जिसका उपयोग नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के प्रमुख फसलों के शीर्ष पांच उत्पादकों में शामिल होने के बावजूद, देश का खाद्य प्रसंस्करण स्तर अभी भी निचले स्तर पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारी उत्पादन के बावजूद, हम उच्च प्रसंस्करण स्तर तक नहीं पहुंच पाए हैं। कटाई के बाद होने वाले नुकसान को लेकर चिंता है, जिसे प्रसंस्करण के माध्यम से दूर किया जा सकता है।’’
मंत्रालय ने प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने के लिए ‘‘खाद्य प्रसंस्करण की विभिन्न अवधारणाओं पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न’’ शीर्षक से एक पुस्तिका जारी की।
पासवान ने कहा, ‘‘ऐसी गलत धारणाएं और भ्रामक विज्ञापन और सोशल मीडिया पर चल रही खबरें हैं कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ वजन बढ़ाते हैं और कई बीमारियों का कारण बनते हैं। पुस्तिका में इन चिंताओं का समाधान किया गया है।’’
उद्योग से जुड़े विभिन्न पक्षों के परामर्श से तैयार की गई यह पुस्तिका, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से जुड़ी गलत धारणाओं को दूर करते हुए, उपभोक्ताओं को जानकारी के साथ विकल्प चुनने में मदद करने के लिए विज्ञान-आधारित जानकारी प्रदान करती है।
‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ 2025, एक लाख वर्ग मीटर के विशाल क्षेत्र में आयोजित होने वाला भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पक्षों का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा।
इस आयोजन में 21 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। इनमें न्यूजीलैंड और सऊदी अरब भागीदार देश हैं जबकि जापान, रूस, संयुक्त अरब अमीरात और वियतनाम ‘फोकस’ देश हैं।
इस चार दिवसीय आयोजन में लगभग 21 भारतीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, 10 केंद्रीय मंत्रालयों और पांच संबद्ध सरकारी संगठनों के 1,700 से अधिक प्रदर्शकों के भाग लेने की उम्मीद है।
इस मौके पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव ए.पी. दास जोशी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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