
राष्ट्रीय दूरसंचार नीति (एनटीपी) का लक्ष्य 2030 तक एक लाख करोड़ रुपये का वार्षिक निवेश आकर्षित करना और 10 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित करना है। दूरसंचार विभाग द्वारा जारी दस्तावेजों के मसौदे में यह कहा गया है।
मसौदा नीति का उद्देश्य 5जी और 6जी, कृत्रिम मेधा (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और क्वांटम संचार जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में नवोन्मेषण और अनुसंधान के लिए भारत को शीर्ष 10 वैश्विक केंद्रों में शामिल करना है।
बृहस्पतिवार को जारी नीति के मसौदा दस्तावेज के अनुसार, “एनटीपी-25 का लक्ष्य 2030 तक दूरसंचार क्षेत्र में विभिन्न रणनीतिक उद्देश्यों को पूरा करना है। इनमें सभी के लिए सार्वभौमिक और सार्थक संपर्क, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इस क्षेत्र का योगदान दोगुना करना और एक लाख करोड़ रुपये का वार्षिक निवेश प्राप्त करना हैं।”
दूरसंचार विभाग ने परिपत्र जारी होने की तिथि से 21 दिन के भीतर प्रस्तावित नीति पर जनता से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।
इस नीति का उद्देश्य भारत को न केवल डिजिटल प्रौद्योगिकियों का अग्रणी उपभोक्ता बनाना, बल्कि दूरसंचार उत्पादों, सेवाओं और समाधान का एक विश्वसनीय वैश्विक प्रदाता भी बनाना है।
दस्तावेज के अनुसार, “एनटीपी-25 भारत को दुनिया के लिए दूरसंचार उत्पादों का पसंदीदा विनिर्माता बनाने के लिए काम करेगी। यह स्मार्ट शहरों, उद्योग 4.0, ग्रामीण ब्रॉडबैंड, आपातकालीन प्रतिक्रिया और डिजिटल कामकाज में उभरते उपयोग के मामलों को स्थायी रूप से समर्थन देने के लिए अनुसंधान, कार्यबल के कौशल विकास, बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और प्रभावी स्पेक्ट्रम प्रबंधन में निवेश के लिए एक व्यापक खाका पेश करती है।”
इस नीति का उद्देश्य दूरसंचार उत्पादों और सेवाओं के निर्यात, दूरसंचार स्टार्टअप की संख्या और उभरती दूरसंचार प्रौद्योगिकियों पर क्षेत्रीय अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) खर्च को दोगुना करना है।
इसने एक नवाचार-केंद्रित गैर-लाभकारी कंपनी बनाने और 2030 तक 6जी-संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) में 10 प्रतिशत वैश्विक हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
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