
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (पूर्व सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर वायसराय रिसर्च की वेदांता समूह पर रिपोर्ट ”विश्वसनीय नहीं” है और कंपनी कानूनी उपाय अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
वेदांता समूह ने शुक्रवार को शेयर बाजार को बताया कि पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ की यह टिप्पणी वायसराय रिसर्च रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के संबंध में उनसे स्वतंत्र कानूनी राय मांगने के बाद आई है।
शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक पूर्व सीजेआई ने कहा कि ”वायसराय का सूचीबद्ध कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन लेने और फिर अवैध रूप से लाभ कमाने के लिए भ्रामक रिपोर्ट प्रकाशित करने का रिकॉर्ड रहा है।”
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि कंपनी पर वायसराय रिसर्च की रिपोर्ट में गंभीर आरोप हैं, जिससे वेदांता समूह के व्यवसाय और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा, ”रिपोर्ट में ”पोंजी स्कीम” और ”परजीवी” जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं, जिनसे प्रश्नकर्ता (वेदांता) के व्यवसाय और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। इन परिस्थितियों में, प्रश्नकर्ता कानूनी उपाय अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।”
अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने नौ जुलाई की अपनी रिपोर्ट में अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली ब्रिटिश कंपनी वेदांता रिसोर्सेज को एक ”परजीवी” बताया था, जो अपनी भारतीय इकाई को ”व्यवस्थित रूप से खत्म” कर रही है।
समूह ने इस आरोप को ”चुनिंदा गलत सूचना पर आधारित और निराधार” बताया, जिसका मकसद कंपनी को बदनाम करना है।
वाइसराय रिसर्च ने भारतीय खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड की ब्रिटेन स्थित मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज के कर्ज के खिलाफ एक शॉर्ट पोजीशन ली थी और आरोप लगाया था कि यह समूह ”भारी कर्ज, लूटी गई संपत्ति और लेखांकन की झूठी बातों की नींव पर बना एक ताश का घर है।” वेदांता ने इन आरोपों के पूरी तरह आधारहीन बताया है।
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