
सीमा शुल्क विभाग ने गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया को नियमों का पालन करना होगा. साथ विभाग ने यह भी कहा कि कंपनी को खुद को पीड़ित की तरह पेश नहीं करना चाहिए. विभाग ने आयात के बारे में कथित रूप से भ्रामक जानकारी देने के लिए कंपनी को भेजे गए 1.4 अरब डॉलर के कर मांग नोटिस को उचित ठहराया.
न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष सीमा शुल्क विभाग की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा कि कानून के नियम सभी के लिए समान हैं और टैक्स नोटिस जारी करने में सीमा शुल्क विभाग की कोई गलती नहीं है.
न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष अपनी दलीलों में उन्होंने कहा, ‘आपको कानून का पालन करना होगा. आपको नियमों के दायरे में आना होगा. कानून के नियम सबके लिए समान हैं. इसी तरह के अन्य आयातक पहले से ही 30 प्रतिशत का भुगतान कर रहे हैं. यह कारण बताओ नोटिस जारी करना में हमारी कोई गलती नहीं है.’
वेंकटरमन ने कहा कि आयातित वस्तुओं को उचित तरीके से वर्गीकृत न करना जर्मन कार निर्माता की गलती थी.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘वस्तुओं को उचित तरीके से वर्गीकृत न करना कंपनी की गलती है. आप पीड़ित न बनें. यदि आप कानून का पालन नहीं करते हैं तो हम कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई शुरू करेंगे.’
खंडपीठ पिछले महीने वाहन विनिर्माता कंपनी द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने नोटिस को चुनौती देते हुए इसे मनमाना और अवैध करार दिया गया था.