
भारत और मैक्सिको के बीच ट्रेड को लेकर बातचीत चल रही है. हाल ही में मैक्सिको ने कुछ एशियाई देशों के उत्पादों पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसमें भारत का निर्यात भी शामिल है. भारत इस कदम से अपने निर्यातकों के हितों की रक्षा करना चाहता है. इसी को लेकर भारत और मैक्सिको के अधिकारियों के बीच समाधान खोजने की कोशिशें जारी हैं. इस मामले में दोनों देशों के संबंधित विभाग आपस में चर्चा कर रहे हैं.
भारत मैक्सिको बातचीत का मकसद
मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और मैक्सिको के बीच बातचीत का उद्देश्य दोनों देशों के लिए बैलेंस साल्यूशन निकालना है. भारत चाहता है कि यह पूरी प्रक्रिया ग्लोबल ट्रेड नियमों के अनुसार हो. बातचीत में निर्यातकों के हितों को सुरक्षित रखना प्राथमिकता है. भारत ने साफ किया है कि वह अपने निर्यातकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा सकता है.
मैक्सिको ने क्यों लगाया टैरिफ
मैक्सिको ने कई एशियाई देशों के उत्पादों पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगाया है. इसका कारण यह है कि इन देशों के साथ मैक्सिको का कोई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नहीं है. भारत, चीन, थाईलैंड, इंडोनेशिया और साउथ कोरिया इस सूची में शामिल हैं. इस टैरिफ का सीधा असर इन देशों के निर्यात पर पड़ेगा.
भारत की रणनीति क्या है
भारत की रणनीति मैक्सिको के साथ बातचीत के जरिए टैरिफ के असर को कम करना है. इसके लिए भारत का कॉमर्स मिनिस्टरी मैक्सिको के अर्थव्यवस्था मंत्रालय के संपर्क में है. बातचीत का मकसद निर्यातकों के लिए स्थायी और व्यावहारिक समाधान निकालना है. भारत ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वह अपने हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाएगा.
क्यों है यह मामला अहम
मैक्सिको में भारत का निर्यात इस फैसले से प्रभावित हो सकता है. टैरिफ बढ़ने से भारतीय उत्पाद महंगे हो जाएंगे, जिससे निर्यात में कमी आ सकती है. इसका असर व्यापारिक संतुलन पर भी पड़ेगा. इसलिए यह मामला व्यापार और आर्थिक दोनों दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है.
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