दिल्ली उच्च न्यायालय ने दो प्रतिवादियों द्वारा स्वीडन की वाहन निर्माता वॉल्वो के ट्रेडमार्क का उपयोग किये जाने पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने 30 मई को दिए गए आदेश में दो ट्रांसपोर्टर को अपनी बस सेवाओं के लिए इस ट्रेडमार्क के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगा दी।
स्वीडन की वाहन निर्माता ने वॉल्वो ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए प्रतिवादियों के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की।
याचिका में आरोप लगाया गया कि प्रतिवादी उदयपुर स्थित ‘गणेश मोटर बॉडी रिपेयर्स’, जो मूल वॉल्वो बसों के लगभग समान या भ्रामक रूप से समान बसें बनाते थे, ने दिल्ली में ऋषभ बस प्राइवेट लिमिटेड को अपनी बसे बेचीं, जिसने अपनी बसों के बेड़े को वॉल्वो बसों के रूप में विज्ञापित करके ग्राहकों को लुभाया।
वॉल्वो ने कहा कि एक अन्य ट्रांसपोर्टर, उत्तर प्रदेश के बहराइच स्थित ‘शांति ट्रैवल्स’ ने अपनी ग्रिल पर एक आकृति का इस्तेमाल किया जो लगभग वॉल्वो की ग्रिल के समान था।
अपना पक्ष रखते हुए स्वीडन की कंपनी ने कहा कि उसका ‘‘प्रतिष्ठित ग्रिल/ट्रेडमार्क’’ विशेष महत्व रखता है, क्योंकि किसी भी बस या अन्य वाहन की ग्रिल पर इसका स्थान यह दर्शाता है कि वाहन मूल रूप से वॉल्वो है।
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