
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष मसातो कांडा एवं इटली के वित्त मंत्री जिआनकार्लो जॉर्जेटी से मुलाकात की और कई आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की लेकिन बैठकों में भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का कोई जिक्र नहीं हुआ। सीतारमण बहुपक्षीय विकास एजेंसी एडीबी की 58वीं वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने के लिए मिलान में मौजूद हैं। एडीबी बैठक से इतर सीतारमण ने कांडा और जॉर्जेटी से मुलाकात कर विश्व एवं एशियाई क्षेत्र के समक्ष मौजूद विभिन्न आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि मिलान में एडीबी अध्यक्ष और इटली के वित्त मंत्री के साथ बैठक में ‘‘पाकिस्तान से संबंधित मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हुई।’’ वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘एडीबी अध्यक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक में वित्त मंत्री ने दोहराया कि भारत निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाली आर्थिक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वह दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता, माल व सेवा कर (जीएसटी) कार्यान्वयन, उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन जैसे साहसिक पहलों के माध्यम से लगातार अनुकूल नीति एवं नियामक परिवेश का निर्माण कर रहा है, ताकि व्यापार करने में अधिक सुगमता हो।’
सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि भारत नए, अभिनव वित्तपोषण उत्पादों व मॉडल का संचालन करने के लिए एडीबी को अवसर मुहैया कराता है। इस मुलाकात में एडीबी अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण से निर्देशित भारत की विकास प्राथमिकताओं के लिए पूर्ण समर्थन देने की बात भी कही। इसके बाद सीतारमण ने इटली के वित्त मंत्री जॉर्जेटी से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने भारत-इटली आर्थिक संबंधों को मजबूत करने तथा आपसी हित के मुद्दों पर वैश्विक एवं बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
वित्त मंत्रालय ने इसकी अलग से जानकारी देते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी द्वारा नवंबर 2024 में घोषित संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना 2025-2029 के कार्यान्वयन पर प्रकाश डाला गया, जो प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में हमारे सहयोग को गहराई व गति प्रदान करेगा।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 14.56 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने के साथ, वित्त मंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल प्रौद्योगिकियों, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण और उच्च-स्तरीय विनिर्माण में अपार संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने इटली की कंपनियों को भारत सरकार की उत्पाद से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के जरिये ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के लिए आमंत्रित किया।’’
वित्त मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) में सुधार के महत्व पर चर्चा की ताकि उन्हें विकासशील देशों की जरूरतों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाया जा सके तथा सतत विकास लक्ष्यों के साथ बेहतर ढंग से संरेखित किया जा सके। सीतारमण ने हरित हाइड्रोजन, कार्बन कटौती, ऊर्जा दक्षता व संसाधनों के सर्वोत्तम इस्तेमाल वाली अर्थव्यवस्था में सह-वित्तपोषण मॉडल व सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दोनों देश जलवायु प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाते हुए वैश्विक बाजारों के लिए समाधान विकसित करने के लिए अपनी क्षमताओं का लाभ उठा सकते हैं।
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