
भारत के डेटा सेंटर उद्योग में 2020 से अब तक करीब 15 अरब डॉलर का निवेश हुआ है और बढ़ती मांग के दम पर अगले छह साल में इसमें 20-25 अरब डॉलर का निवेश होने की संभावना है।
रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2025 तक भारत के सात प्रमुख शहरों में डेटा सेंटर की क्षमता 1,263 मेगावाट है और इसके 2030 तक 4,500 मेगावाट को पार कर जाने की संभावना है।
इसमें कहा गया, ‘‘ पिछले पांच से छह वर्ष में भारतीय डेटा सेंटर उद्योग में वृद्धि के साथ-साथ प्रभावशाली निवेश भी हुआ है। 2020 में शुरुआत से ही उद्योग में 14.7अरब अमरीकी डॉलर का निवेश हो चुका है। ये निवेश मुख्य रूप से भूमि अधिग्रहण, परियोजना निर्माण एवं विकास आदि पर केंद्रित रहे हैं।’’
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ अगले पांच से छह वर्ष में, भारत में क्लाउड कम्प्यूटेशन और कृत्रिम मेधा (एआई) को बड़े पैमाने पर अपनाने के बीच, डीसी (डेटा सेंटर) में 20-25 अरब अमरीकी डॉलर का निवेश आने की संभावना है।’’
कोलियर्स इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी जतिन शाह ने कहा, ‘‘ भारत तेजी से डिजिटलीकरण, डेटा स्थानीयकरण मानदंडों एवं मजबूत सरकारी समर्थन से प्रेरित होकर वैश्विक डेटा सेंटर का केंद्र बन रहा है। भारत की डीसी क्षमता के अगले पांच से छह वर्ष में 4,500 मेगावाट को पार कर जाने की संभावना है।’’
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