
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेउची ने मंगलवार को कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि 2030-31 तक रेलवे के माध्यम से वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
ताकेउची ने कहा कि मारुति सुजुकी 2013 में ‘ऑटोमोबाइल-फ्रेट-ट्रेन-ऑपरेटर लाइसेंस’ हासिल करने वाली भारत की पहली कंपनी थी। तब से, हमने रेलवे के जरिये 25 लाख से अधिक यात्री वाहनों को भेजा है।
एमएसआईएल के सीईओ ताकेउची ने कहा, ‘‘ हमने रेलवे के जरिये वाहनों की आवाजाही को व्यवस्थित रूप से बढ़ाया है, जो वित्त वर्ष 2014-15 में करीब पांच प्रतिशत था, और पिछले वर्ष 2024-25 में 24 प्रतिशत हो गया है।’’
उन्होंने कहा कि कंपनी मानेसर में नई सुविधा के साथ इसे और बढ़ाएगी।
ताकेउची ने कहा, ‘‘ एक बार जब यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा, तो हम सालाना 4.5 लाख वाहन भेज सकेंगे। इससे वित्त वर्ष 2030-31 तक रेलवे के जरिये वाहनों की आपूर्ति 35 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।’
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत पंजीकृत मानेसर ‘रेलवे साइडिंग’ को हरियाणा में सोनीपत से पलवल तक चलने वाले 126 किलोमीटर लंबे हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।
इस परियोजना को एक संयुक्त उद्यम फर्म हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचओआरसीएल) द्वारा क्रियान्वित किया गया है।
संयुक्त उद्यम के तहत, एमएसआईएल ने एचओआरसी के विकास में 325 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अतिरिक्त एमएसआईएल ने आंतरिक यार्ड विकास पर लगभग 127 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे इसका कुल निवेश 452 करोड़ रुपये हो गया है।
कार बाजार की अग्रणी कंपनी ने साथ ही बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 से अभी तक भारतीय रेलवे के जरिये करीब 25 लाख वाहन भेजे गए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय रेलवे के जरिये सर्वाधिक 5.18 लाख वाहन भेजे गए।
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