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ट्रंप ने भारत पर लगाया 26 फीसदी टैरिफ, जानें क्‍या होगा असर

ट्रंप ने शुल्क की घोषणा करते समय एक चार्ट दिखाया जिसमें भारत, चीन, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे देशों द्वारा लगाए गए शुल्क के साथ-साथ जवाबी शुल्क भी दर्शाए गए थे। चार्ट ने संकेत मिलता है कि भारत ने 'मुद्रा में ‘छेड़छाड़’ और व्यापार बाधाओं सहित’’ 52 प्रतिशत का शुल्क लगाया है। अमेरिका भी अब भारत से ‘रियायती जवाबी शुल्क’ वसूलेगा।

  • Money9
  • Last Updated : April 3, 2025, 10:56 IST
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अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत का जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन का मानना है कि अमेरिकी वस्तुओं पर भारत उच्च आयात शुल्क वसूलता है, ऐसे में अब देश के व्यापार घाटे को कम करने और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था।

इस कदम से अमेरिका को भारत के निर्यात पर असर पड़ने के आसार हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, जिन्हें हमसे अधिक शुल्क का सामना करना पड़ेगा।

राष्ट्रपति ट्रंप ने वैश्विक स्तर पर अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए उच्च शुल्कों का मुकाबला करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए लगभग 60 देशों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है।

ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन से विभिन्न देशों पर शुल्क लगाने की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘यह मुक्ति दिवस है, एक लंबे समय से प्रतीक्षित क्षण। दो अप्रैल, 2025 को हमेशा के लिए उस दिन के रूप में याद किया जाएगा, जिस दिन अमेरिकी उद्योग का पुनर्जन्म हुआ, जिस दिन अमेरिका के भाग्य का पुन: उदय हुआ, जिस दिन हमने अमेरिका को फिर समृद्ध बनाने का काम शुरू किया। हम अमेरिका को समृद्ध, अच्छा और समृद्ध बनाने जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका अन्य देशों से मोटरसाइकिल पर केवल 2.4 प्रतिशत शुल्क लेता है। इस बीच, थाइलैंड और अन्य देश बहुत अधिक यानी 60 प्रतिशत तक शुल्क वसूल रहे हैं। भारत 70 प्रतिशत शुल्क लेता है, वियतनाम 75 प्रतिशत शुल्क लेता है, और अन्य इससे भी अधिक शुल्क वसूलते हैं।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका दशकों से आज तक सिर्फ ढाई प्रतिशत शुल्क लेता रहा है…‘‘आप सोचकर देखिये, विदेश में बने वाहनों पर सिर्फ ढाई प्रतिशत शुल्क। यूरोपीय संघ हमसे 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क वसूलता है, और उनके पास 20 प्रतिशत मूल्य वर्धित कर (वैट) है, जो बहुत अधिक है। भारत 70 प्रतिशत शुल्क लगाता है और शायद सबसे खराब दक्षिण कोरिया, जापान और कई अन्य देशों द्वारा बड़ी व्यापार बाधाओं के रूप में लगाए गए गैर-मौद्रिक अंकुश हैं।’’

ट्रंप ने शुल्क की घोषणा करते समय एक चार्ट दिखाया जिसमें भारत, चीन, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे देशों द्वारा लगाए गए शुल्क के साथ-साथ जवाबी शुल्क भी दर्शाए गए थे। चार्ट ने संकेत मिलता है कि भारत ने ‘मुद्रा में ‘छेड़छाड़’ और व्यापार बाधाओं सहित’’ 52 प्रतिशत का शुल्क लगाया है। अमेरिका भी अब भारत से ‘रियायती जवाबी शुल्क’ वसूलेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत, बहुत, बहुत सख्त है। बेहद सख्त है। प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) अभी-अभी यहां से गए हैं। वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, लेकिन मैंने उनसे कहा, ‘‘आप मेरे दोस्त हैं, लेकिन आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। वे हमसे 52 प्रतिशत शुल्क लेते हैं। आपको समझना होगा, हमने उनसे वर्षों तथा दशकों तक शुल्क के नाम पर कुछ भी नहीं लिया और यह केवल सात साल पहले की बात है, जब मैं सत्ता में आया, तब हमने चीन के साथ इसकी शुरुआत की।’’

वाणिज्य मंत्रालय अमेरिका द्वारा भारत से आयात पर लगाए गए 27 प्रतिशत के जवाबी शुल्क के प्रभाव का आकलन कर रहा है।

एक अधिकारी के अनुसार, पांच अप्रैल से अमेरिका में सभी आयातों पर सार्वभौमिक 10 प्रतिशत शुल्क लागू हो जाएगा और 10 अप्रैल से 27 प्रतिशत शुल्क लागू होगा।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ मंत्रालय घोषित शुल्क के प्रभाव का आकलन कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि इसमें एक प्रावधान है कि यदि कोई देश अमेरिका की चिंताओं का समाधान करता है, तो ट्रंप प्रशासन उस देश के खिलाफ शुल्क कम करने पर विचार कर सकता है। भारत पहले से ही अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। दोनों देशों ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ यह एक मिली-जुली स्थिति है और भारत के लिए कोई झटका नहीं है।’’

निर्यातक संगठनों के महासंघ फियो ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत पर लगाया गया 26 प्रतिशत अमेरिकी शुल्क निस्संदेह घरेलू कंपनियों को प्रभावित करेगा।

फियो के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अजय सहाय ने हालांकि साथ ही कहा कि भारत कई अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है। उन्होंने साथ ही उम्मीद जाहिर की कि प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) जिस पर दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है, जल्द ही अंतिम रूप लेगा। इससे इन जवाबी शुल्कों से कुछ राहत मिल सकती है।

सहाय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हमें प्रभाव का आकलन करना है, लेकिन अन्य देशों पर लगाए गए जवाबी शुल्कों को देखते हुए, हम सबसे कम शुल्क का सामना करने वालों में हैं। हम वियतनाम, चीन, इंडोनेशिया, म्यांमा आदि जैसे अपने प्रमुख प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बहुत बेहतर स्थिति में हैं। हम निश्चित रूप से शुल्कों से प्रभावित होंगे, लेकिन हम कई अन्य देशों की तुलना में बहुत बेहतर स्थिति में हैं।’’

वित्त वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। भारत के कुल माल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और द्विपक्षीय व्यापार में 10.73 प्रतिशत है।

अमेरिका के साथ भारत का 2023-24 में माल के मामले में व्यापार अधिशेष (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) 35.32 अरब अमेरिकी डॉलर है। यह 2022-23 में 27.7 अरब अमेरिकी डॉलर, 2021-22 में 32.85 अरब अमेरिकी डॉलर, 2020-21 में 22.73 अरब अमेरिकी डॉलर और 2019-20 में 17.26 अरब अमेरिकी डॉलर था।

Published: April 3, 2025, 10:56 IST

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