8th pay commission Announcement in budget: सरकार ने बजट 2025 के दौरान 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई घोषणा नहीं की है, जिसका मतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों को इसके लिए अगले वित्त वर्ष तक इंतजार करना होगा. नियमों के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग के तहत नया वेतन 1 जनवरी 2026 से मिलना चाहिए, लेकिन सरकार ने 2025-26 के बजट में इसके लिए कोई राशि आवंटित नहीं की. इससे साफ है कि केंद्रीय कर्मचारियों को अपनी बढ़ी हुई सैलरी के लिए अब अगले साल 2026-27 के बजट तक इंतजार करना होगा.
मनी कंट्रोल के रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी मनोज गोविल ने बताया कि 2025-26 के बजट में 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से जुड़ा कोई खर्च नहीं जोड़ा गया है. इसका कारण यह है कि आयोग की रिपोर्ट आने और मंजूरी मिलने में अभी कम से कम एक साल लग सकता है. इस मामले में वित्त मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को पत्र भेजकर आयोग के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) तय करने के सुझाव मांगे हैं. जब ये टर्म्स सरकार द्वारा मंजूर हो जाएंगे, तब आयोग अपना काम शुरू करेगा.
गोविल ने बताया कि पिछले वेतन आयोगों को रिपोर्ट तैयार करने में एक साल से अधिक का समय लगा है. अगर मार्च 2025 में आयोग बनता है, तो रिपोर्ट मार्च 2026 तक आ सकती है. इसलिए, 2025-26 के बजट पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने 16 जनवरी को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी. वर्तमान में 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 2026 तक है. वेतन आयोग हर 10 साल में बनाया जाता है, ताकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव किया जा सके. जब आयोग अपनी रिपोर्ट देगा, तब ही खर्च का सही आकलन हो पाएगा.
गोविल ने बताया कि सरकार को 7वें वेतन आयोग के खर्च का अंदाजा है, लेकिन हर आयोग की परिस्थितियां अलग होती हैं. अगर 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026-27 में लागू होती हैं, तो भी कुछ सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकती हैं. हालांकि, ये बढ़ा हुआ वेतन (arrears) होगा, जिसे 2026-27 के बजट में जोड़ा जाएगा, इसलिए 2025-26 के बजट पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा.
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