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रिपोर्ट में पाया गया कि एआई की संभावनाओं में दृढ़ विश्वास के बावजूद इनमें निवेश का स्तर कम बना हुआ है. करीब 95 प्रतिशत कंपनियों का एआई और एमएल (मशीन लर्निंग) बजट, उनके कुल आईटी खर्च के 20 प्रतिशत से कम है.
जब उनसे पूछा गया कि कंपनी इस साल भारत से अपने निर्यात को कैसे देख रही है, तो उन्होंने कहा, ‘‘हम इस साल निर्यात में 25 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि धातुकर्म और औद्योगिक कोयले की मांग में मजबूती, विशेष रूप से इस्पात मिलों से, इस वर्ष बिजली क्षेत्र की खरीद में मौसमी कमजोरी को कम कर देगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान ने होम्योपैथिक दवा निर्माण में बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण को गति दी है और देश इस मामले में विश्व में अग्रणी बनने की ओर अग्रसर है.
शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक कंपनी नौ दिसंबर, 2024 से 29 अप्रैल, 2025 के बीच बने मॉडल की प्रभावित खेप को वापस मंगा रही है.
कुल निवेशों में 2.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के निवेश सौदों पर 13 नवंबर को हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के समझौतों को 14 नवंबर को अंतिम रूप दिया गया।
इस समय निर्यातकों द्वारा किए गए माल या सॉफ्टवेयर निर्यात का मूल्य निर्यात की तारीख से नौ महीने में पूरी तरह से वसूल कर देश में वापस लाना जरूरी है.
पिछले कुछ सप्ताह से विदेशीमुद्रा भंडार में गिरावट का रुख देखा जा रहा है। इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5.62 अरब डॉलर घटकर 689.73 अरब डॉलर रह गया था।
भारत पहले ही संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते लागू कर चुका है।
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति पिछले साल सितंबर में 0.13 प्रतिशत और पिछले साल अक्टूबर मे 2.75 प्रतिशत रही थी।