
ब्रिगेड होटल वेंचर्स का आईपीओ पूरी तरह से 759.6 करोड़ रुपये मूल्य के इक्विटी शेयरों का एक नया निर्गम है। इसमें कोई बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल नहीं है।

राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2025 (NTP-25) का उद्देश्य 2030 तक दूरसंचार क्षेत्र में ₹1 लाख करोड़ का वार्षिक निवेश और 10 लाख नौकरियां पैदा करना है। नीति में भारत को 5G, 6G, AI, IoT और क्वांटम संचार जैसी तकनीकों में वैश्विक नवाचार केंद्र बनाने की योजना है।

भारत और ब्रिटेन ने बृहस्पतिवार को ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार में \$34 अरब की वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। इस समझौते के तहत 99% भारतीय निर्यात पर ब्रिटेन में कोई शुल्क नहीं लगेगा, वहीं ब्रिटिश कंपनियों को भारत में व्हिस्की, कारों और अन्य उत्पादों के निर्यात में आसानी होगी।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अपने मध्य-वर्षीय आर्थिक परिदृश्य में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जो उसके दिसंबर के 6.6 प्रतिशत के अनुमान से कम है।

वाहन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ने बुधवार को बयान में कहा कि ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल के तहत डीपीआईआईटी से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को मारुति सुजुकी के नवोन्मेष कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

हाजिर बाजार में कमजोर रुख और उपभोक्ता उद्योगों की मांग में कमी के कारण वायदा बाजार में एल्युमीनियम की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। एमसीएक्स पर अगस्त डिलीवरी वाले अनुबंध का भाव 1.25 रुपये या 0.49 प्रतिशत घटकर 254.85 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया।

आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट लिमिटेड (ABREL) को वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 27.08 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में कंपनी को 17.35 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। कंपनी की कुल आय भी घटकर 157.41 करोड़ रुपये रह गई, जो पहले 365.24 करोड़ रुपये थी।

रेल मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाली इस गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) ने एक साल पहले इसी अवधि में 1,577 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा अर्जित किया था.

भगवंत मान ने कहा कि अब प्रदेश में किसान ₹1 लाख सालाना किराए के साथ, शहरों के विकास में बराबरी के हक़दार बनाए जा रहे हैं. यह किराया हर साल 10 प्रतिशत की दर से भी बढ़ेगा.

जनवरी-जून 2025 के दौरान भारत के सात प्रमुख शहरों में एक करोड़ रुपये से कम कीमत वाले घरों की बिक्री में 32 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है। जेएलएल इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में कुल आवास बिक्री 13 प्रतिशत घटी, जबकि एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले प्रीमियम घरों की मांग में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। प्रीमियम सेगमेंट की हिस्सेदारी अब कुल बिक्री का 62 प्रतिशत हो गई है।