
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में चल रहे ऑपरेशनल संकट का सीधा असर उसकी पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के शेयर पर पड़ा है. पिछले आठ दिनों में शेयर में लगभग 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. लगातार फ्लाइटें कैंसिल होने और नए एफडीटीएल नियम लागू होने से यात्रियों के साथ साथ निवेशकों की चिंता भी बढ़ी है. इस गिरावट का सबसे बड़ा असर उन म्यूचुअल फंड हाउस पर पड़ा है जिन्होंने इसमें भारी निवेश कर रखा है.
फ्लाइटें कैंसिल होने से बढ़ी बिकवाली
इंडिगो ने एक ही दिन में 1000 से ज्यादा फ्लाइटें रद्द कर दीं, जो भारत के एविएशन हिस्ट्री का सबसे बड़ा एक दिन में सबसे ज्यादा रद्द होने का रिकॉर्ड है. एफडीटीएल नियमों में बदलाव और तकनीकी समस्याओं के चलते कैंसिलेशन तेजी से बढ़े. इससे मार्केट में नकारात्मक माहौल बना और निवेशकों ने शेयरों में तेज बिकवाली शुरू कर दी. यही कारण रहा कि शेयर 5917 रुपये से गिरकर 4913 रुपये तक पहुंच गया है.
बड़ी गिरावट से म्यूचुअल फंड निवेशकों पर असर
इंटरग्लोब एविएशन में म्यूचुअल फंड हाउस की बड़ी हिस्सेदारी है. अक्टूबर तक उनके पास कुल 6 करोड़ से ज्यादा शेयर थे. शेयर गिरने से इन निवेशकों के पोर्टफोलियो पर सीधा असर पड़ा है. सबसे ज्यादा शेयर आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के पास थे. इनके पास 1.19 करोड़ शेयर मौजूद थे. इसके अलावा एसबीआई म्यूचुअल फंड के पास 88 लाख और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के पास 78 लाख शेयर थे.
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