
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार, 15 फरवरी बड़ी कार्रवाई करते हुए 1,646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है. यह जब्ती एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी है, जिसमें निवेशकों को सिक्योरिटीज में निवेश के नाम पर ठगा गया था. जांच एजेंसी ने बताया कि छापेमारी में 13.50 लाख रुपये कैश, एक SUV और कई डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं. ED की यह कारवाई PMLA कानून के तहत दर्ज किया गए मामले में हुई है. इसकी शुरुआत सूरत पुलिस की FIR से हुई, जिसमें बताया गया कि यह घोटाला ‘BitConnect लेंडिंग प्रोग्राम’ के तहत हुआ था. जो कि नवंबर 2016 से जनवरी 2018 के बीच हुआ है.
ED ने तकनीकी एक्सपर्ट की मदद से जांच की और पाया कि लेन-देन को ‘डार्क वेब’ के जरिए छुपाने की कोशिश की गई थी. एजेंसी ने कई क्रिप्टो वॉलेट्स को ट्रैक कर उनके असली मालिकों का पता लगाया और उन्हें सीज कर लिया. जब्त की गई क्रिप्टोकरेंसी ED के विशेष क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर कर दी गई है.
BitConnect ने दुनियाभर में प्रमोटर्स का नेटवर्क बनाया और उन्हें निवेशकों को जोड़ने के बदले कमीशन दिया.कंपनी ने निवेशकों को यह झांसा दिया कि वह उनके फंड को ‘वोलैटिलिटी सॉफ्टवेयर ट्रेडिंग बॉट’ (Trading Bot) के जरिए लगाकर 40 फीसदी तक मुनाफा दिलाएगी.
BitConnect के वेब पोर्टल पर फर्जी रिटर्न दिखाए गए, जिनमें 1 फीसदी प्रतिदिन और 3,700 फीसदी सालाना का मुनाफा बताया गया. हकीकत में यह सिर्फ एक धोखा था. आरोपी निवेशकों के पैसे को अपने डिजिटल वॉलेट्स में ट्रांसफर कर खुद के और अपने साथियों के फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे थे.
इससे पहले भी ED ने इस मामले में 489 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. पीटीआई के रिपोर्ट के मुताबिक, इस घोटाले में विदेशी नागरिकों ने भी निवेश किया था और इसका मुख्य आरोपी अमेरिकी एजेंसियों की जांच के दायरे में है.
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