
कंपनी ने एप्पलकेयर प्लस सदस्यता के लिए भुगतान योजना को भी मजबूत किया है। पहले उपलब्ध वार्षिक भुगतान विकल्प के अलावा 799 रुपये से शुरू होने वाली मासिक योजना की शुरुआत की है।

उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार, एनबीसीसी के माध्यम से आम्रपाली की अटकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए आम्रपाली स्टॉल्ड प्रोजेक्ट्स इन्वेस्टमेंट्स रिकंस्ट्रक्शन एस्टेब्लिशमेंट (एस्पायर) का गठन किया गया था।

कुमार ने कहा, 'इस बारे में विचार किया जा रहा है कि कार्ड पर किसी और विवरण की जरूरत क्यों हो. इसमें केवल तस्वीर और क्यूआर कोड होना चाहिए. अगर हम और जानकारी छापेंगे, तो लोग वही मानेंगे और जो लोग इसका दुरुपयोग करना जानते हैं, वे करते रहेंगे.'

AMFI के आंकड़ों पर गौर करने से पता चलता है कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करने के लिए फ्लेक्सी कैप और मिड कैप फंडों का विकल्प चुन रहे हैं, जिस पर अब तक लार्ज कैप और स्मॉल कैप म्यूचुअल फंडों का दबदबा था.

फिजिक्सवाला का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 3,100 करोड़ रुपये के नए शेयर और 380 करोड़ रुपये तक के शेयर की बिक्री पेशकश (ओएफएस) का संयोजन था। इसके लिए 103-109 रुपये प्रति शेयर का मूल्य दायरा तय किया गया था।

भारत में नीलसनआईक्यू के ग्राहक सफलता (एफएमसीजी) प्रमुख शारंग पंत ने कहा, ‘‘ भारतीय एफएमसीजी क्षेत्र लगातार मजबूती दिखा रहा है और ग्रामीण बाजार लगातार सातवीं तिमाही में अग्रणी रहा है। शहरी क्षेत्रों में खासकर छोटे शहरों में, सुधार की गति तेज हो रही है। हालांकि ग्रामीण मांग बिक्री विस्तार का आधार बनी हुई है। ई-कॉमर्स, खासकर शीर्ष आठ महानगरों में विकास का एक प्रमुख इंजन बना हुआ है।’’

कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 2,745.71 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था। कुल राजस्व 2024-25 में सालाना आधार पर 67,121.61 करोड़ रुपये से 18 प्रतिशत बढ़कर 79,378 करोड़ रुपये हो गया।

भारत का आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संघ) के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता है। थाईलैंड इस 10 राष्ट्र समूह का सदस्य है। भारत-आसियान वस्तुओं पर मुक्त व्यापार समझौते पर 2009 में हस्ताक्षर किये गये थे।

बच्चे के भविष्य की योजना बनाने का एक अच्छा तरीका म्यूचुअल फंड की चिल्ड्रन स्कीमें हैं. इनमें अनुशासित निवेश का तरीका और लंबे समय में बेहतर बढ़त की संभावना दोनों मिलते हैं. आमतौर पर इन योजनाओं में पांच साल का लॉक-इन होता है

चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि आयातकों की डॉलर मांग और हेजिंग मांग, विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी और व्यापार घाटे के कारण रुपये में थोड़ी गिरावट आएगी.’’