
सरकार ने कैब सेवा प्रदाताओं को 'पीक ऑवर' के दौरान आधार किराए का दो गुना तक शुल्क वसूलने की अनुमति दी है, जो पहले 1.5 गुना था. नए मोटर वाहन एग्रीगेटर दिशानिर्देश-2025 के तहत गैर व्यस्ततम समय में न्यूनतम किराया आधार मूल्य का 50% होना चाहिए. ड्राइवरों के लिए बीमा अनिवार्य किया गया है और पुराने वाहनों (8 साल से ज्यादा) के उपयोग पर रोक लगाई गई है.

पीएनबी ने बयान में कहा कि एक जुलाई, 2025 से प्रभावी यह पहल विशेष रूप से महिलाओं, किसानों और निम्न आय वाले परिवारों जैसे प्राथमिकता वाले वर्गों का समर्थन करने के लिए है.

पुरी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट के शीर्ष निकाय भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के 77वें स्थापना दिवस पर यह भी कहा कि भारत ने जैव ईंधन मिश्रण में वृद्धि की है और 40 देशों से कच्चा तेल मंगा रहा है जबकि पहले यह संख्या 27 थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को एक ऐतिहासिक आर्थिक सुधार बताया है जिसने भारत के बाजार को एकजुट किया और छोटे कारोबारियों के लिए व्यापार को आसान बनाया. 1 जुलाई 2017 को लागू जीएसटी ने 17 कर और 13 उपकरों को समाहित कर एक सरल और डिजिटल टैक्स प्रणाली बनाई.

सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 1.07 लाख करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है. इसका उद्देश्य अगले दो साल में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन करना है. योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वालों को दो साल तक हर माह 3000 रुपये तक की सहायता मिलेगी.

वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘एक जुलाई, 2025 से शुरू होकर 30 सितंबर, 2025 को समाप्त होने वाली तिमाही में विभिन्न छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें अपरिवर्तित रहेंगी।

वीआई ने पहले ही पांच शहरों - मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, चंडीगढ़ और पटना में 5जी सेवा शुरू कर दी है। कंपनी ने कहा, ‘‘वीआई... ने अपने 5जी प्रसार के अगले चरण की घोषणा की है, जिसके तहत अब 23 शहरों में नेटवर्क की तैनाती की जा रही है।

इस समय जीएसटी एक चार स्तरीय कर संरचना है, जिसमें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के स्लैब हैं. विलासिता और अवगुण से जुड़ी वस्तुओं पर 28 प्रतिशत का सबसे अधिक कर लगता है. पैक किए गए खाद्य उत्पादों और आवश्यक वस्तुओं पर सबसे कम पांच प्रतिशत जीएसटी लागू है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि 30 मई को समाप्त पखवाड़े में बैंक कर्ज वृद्धि में नरमी रही. इस दौरान उद्योग को बैंक कर्ज में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 8.9 प्रतिशत रही थी.

दोनों कंपनियों के संयुक्त बयान के अनुसार, यह योजना अस्पताल में भर्ती होने पर खर्चों का बोझ कम करने के उद्देश्य से लाई गई है. इसके तहत, बीमाधारक को बीमारी या दुर्घटना के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर हर दिन एक निर्धारित नकद राशि दी जाएगी.