
यह सौदा नियामक मंजूरियों के अधीन है, जिनमें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), स्टॉक एक्सचेंज, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई), राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और अन्य मंजूरियां शामिल हैं।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने पुरी जिला प्रशासन के साथ मिलकर आगंतुकों को सुरक्षित, आरामदायक और समृद्ध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रयासों की एक व्यापक श्रृंखला पेश की है।

सूचना के अनुसार, शेयरधारकों ने नए शेयर जारी करके 4,250 करोड़ रुपये तक जुटाने को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी मीशो द्वारा अमेरिका से भारत में अपना मुख्यालय बदलने के बाद मिली है।

बुधवार को दाखिल विवरण पुस्तिका (डीआरएचपी) के अनुसार, पेशकश में कर्मचारी आरक्षण अंश में पात्र व्यक्तियों को छूट के साथ सदस्यता आरक्षण भी शामिल है। साथ ही, कंपनी आईपीओ-पूर्व दौर में करीब 300 करोड़ रुपये जुटाने की सोच रही है।

इस आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री ने नव उद्यमियों से संवाद किया, उद्योगपतियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए वह 29 जून को सूरत में प्रचार-प्रसार और बैठकें करेंगे।

एनएसओ ने कहा, ''स्थिर कीमतों पर कृषि और संबद्ध क्षेत्र के सकल मूल्य उत्पादन (जीवीओ) ने 2011-12 में 1,908 हजार करोड़ रुपये से 2023-24 में 2,949 हजार करोड़ रुपये तक लगातार वृद्धि दिखाई है। इसमें लगभग 54.6 प्रतिशत की समग्र वृद्धि हुई।''

ब्रोकरेज इकाई की मूल कंपनी जियोब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (जेएफएसएल) और अमेरिका की ब्लैकरॉक की संयुक्त उद्यम कंपनी है।

मई 2025 में भारत का इंजीनियरिंग निर्यात सालाना आधार पर 0.82 प्रतिशत घटकर 9.89 अरब डॉलर रहा. पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव इसका प्रमुख कारण रहा. हालांकि अमेरिका, जर्मनी, जापान और ब्रिटेन जैसे देशों को निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई, जबकि चीन, तुर्किये और वियतनाम जैसे देशों को निर्यात घटा.

2025 में भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में प्राइवेट इक्विटी (PE) निवेश में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. 15 जून 2025 तक कुल निवेश सिर्फ 1.73 अरब डॉलर रहा, जबकि 2024 की पहली छमाही में यह 2.96 अरब डॉलर था. नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च ब्याज दरें, सीमित नकदी और निवेश पर कम रिटर्न जैसे कारणों से निवेशकों ने सतर्कता अपनाई है.

CBI ने 40 साल से फरार बैंक धोखाधड़ी आरोपी सतीश कुमार आनंद को दिल्ली के रोहिणी से गिरफ्तार किया। 1985 में बैंक ऑफ इंडिया को 5.69 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद वह फरार हो गया था। CBI को आनंद के बेटे के नाम पंजीकृत मोबाइल नंबर से सुराग मिला। 1977 में हुई इस धोखाधड़ी में बैंक शाखा प्रबंधक को बरी कर दिया गया था जबकि आनंद को पांच साल की सजा हुई थी।