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कृषि विषय के साथ अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों की लंबे समय से यह शिकायत थी कि उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाता था, क्योंकि अधिकांश विश्वविद्यालय केवल भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीव विज्ञान तीन विषयों वाले संयोजन के छात्रों को ही दाखिला देते हैं.
आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2015-16 के लिए कथित तौर पर ‘‘आय का गलत विवरण प्रस्तुत करने’’ के लिए 14.22 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं आकलन वर्ष 2018-19 के लिए ‘‘आय कम बताने’’ के मामले में 8.85 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल कॉन्ग्लोमरेट फंड लॉन्च करने की घोषणा की है. यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी योजना है जो कॉन्ग्लोमरेट थीम का पालन करेगी. कॉन्ग्लोमरेट वे प्रमोटरों के नेतृत्व वाले समूह होते हैं जो भारत में स्थित हैं और जिनकी दो या अधिक सूचीबद्ध कंपनियां अलग-अलग सेक्टरों या उद्योगों में होती हैं.
सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सितंबर में 9.1 प्रतिशत बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. दरों को युक्तिसंगत बनाने के कारण बिक्री में वृद्धि से जीएसटी संग्रह बढ़ा है. बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई.
आरबीआई ने बयान में कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में हो रहे डिजिटलीकरण से ग्राहकों की बदलती जरूरतों के अनुरूप बीएसबीडी खाते से जुड़े नियमों में बदलाव भी आवश्यक हो गया है. इसलिए, जनता को किफायती बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने और वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिए बीएसबीडी खाते से संबंधित मौजूदा निर्देशों की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है.
देश में गन्ने पर रिसर्च के लिए आईसीएआर में एक अलग से टीम बनाई जाएगी जो गन्ने की पॉलिसी और उत्पादन से जुड़ी व्यावहारिक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करेगी. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात का ऐलान किया है.
भुगतान नियामक बोर्ड (पीआरबी), भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की एक समिति, भुगतान और निपटान प्रणाली विनियमन और पर्यवेक्षण बोर्ड (बीपीएसएस) का स्थान लेगा. इस बोर्ड के प्रमुख गवर्नर हैं.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, डॉलर के मुकाबले 88.73 पर खुला. कारोबार के दौरान 88.69 से 88.85 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने के बाद अंत में 88.80 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव के मुकाबले पांच पैसे की गिरावट है.
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक (मुद्रा और जिंस) अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि कमजोर घरेलू बाजारों और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण रुपया कमजोर बना रहेगा.
पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की श्रेणी में 77 प्रतिशत अभिदान मिला. खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (आरआईआई) श्रेणी को 70 प्रतिशत अभिदान प्राप्त हुआ. गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए निर्धारित हिस्से को 46 प्रतिशत अभिदान मिला है.