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कंपनी के एक बयान के मुताबिक, बीएचईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के. सदाशिव मूर्ति ने 63.17 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली सरकार के लिए अंतिम लाभांश का चेक भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी को सौंपा।
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रुपये में गिरावट ने उद्योग को असुरक्षित स्थिति में डाल दिया है, क्योंकि एक एलईडी टीवी में घरेलू मूल्य संवर्धन केवल लगभग 30 प्रतिशत है और मुख्य घटक जैसे ओपन सेल, सेमीकंडक्टर चिप और मदरबोर्ड आयात किए जाते हैं.
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मैक्सिको में भारत का निर्यात इस फैसले से प्रभावित हो सकता है. टैरिफ बढ़ने से भारतीय उत्पाद महंगे हो जाएंगे, जिससे निर्यात में कमी आ सकती है. इसका असर व्यापारिक संतुलन पर भी पड़ेगा. इसलिए यह मामला व्यापार और आर्थिक दोनों दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है.
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अगर अमेरिका पेनाल्टी टैरिफ हटाता है तो भारत भी जवाब में अपने कुछ टैरिफ को घटाकर 15 से 16 फीसदी तक ला सकता है. यह टैरिफ अमेरिका द्वारा लिए गए फैसले के बदले में लगाए गए थे. यदि ये कम होते है तो आयात और निर्यात दोनों तरफ असर दिखाई देगा. भारतीय निर्यातको को राहत मिलेगी और इम्पोर्टेड गुड्स की कास्ट भी घट सकती है. यह कदम डील को आगे बढाने में सहायक माना जा रहा है.
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अमेरिका द्वारा भारतीय सामान पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगाने से भारत के निर्यात पर दबाव बढ़ा है. इसी कारण डॉलर की मांग बढ़ी है और रुपये की स्थिति बिगड़ी है. स्थानीय इक्विटी भी कम आकर्षक हुई जिससे विदेशी निवेशक दूर हो रहे हैं. इन सब परिस्थितियों ने रुपये को लगातार कमजोर किया है.
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RBI लगातार ग्राहक सर्विस में सुधार पर ध्यान दे रहा है. हाल ही में मॉनेटरी पॉलिसी के बाद गवर्नर ने भी कहा कि ग्राहक हितों को सुरक्षित रखने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इन कदमों में सर्विस फीस को सरल और ट्रांसपेरेंट बनाना शामिल है. इससे ग्राहकों को बिना किसी उलझन के जानकारी मिल सकेगी.
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मैक्सिको की सीनेट ने एशियाई देशों से आने वाले 1400 से ज्यादा उत्पादों पर 5 से 50 फीसदी तक के नए टैरिफ को मंजूरी दे दी है. यह टैरिफ उन देशों पर लागू होगा जिनका मैक्सिको के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं है. सरकार के अनुसार यह कदम घरेलू उद्योग की सुरक्षा और इंटरनेशनल कंपटीशन के दबाव को कम करने के लिए उठाया गया है.
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इसी खबर के बाद स्पाइसजेट का शेयर भी हल्की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है. सुबह 10 बजकर 51 मिनट पर BSE में यह 1.08 फीसदी की तेजी के साथ 34 रुपये 68 पैसे पर ट्रेड कर रहा था. निवेशकों ने कंपनी की विस्तार योजना को सकारात्मक संकेत माना है.
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लिस्टिंग से पहले कंपनी ने 90 करोड़ रुपये एंकर निवेशकों से जुटाए. एंकर इन्वेस्टर्स में बंधन एमएफ, एलआइसी एमएफ, बैंक आफ इंडिया एमएफ, मइबैंक सेक्यूरिटीज और अलकेमी इमर्जिंग लीडर्स जैसे बड़े नाम शामिल रहे.
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आइरेडा, अडानी ग्रीन, केपीआइ ग्रीन, शक्ति पम्प्स और स्टर्लिंग एंड विल्सन जैसे स्टॉक्स में 3 से 8 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. आइरेडा तो 52 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया. हालांकि सुजलॉन जैसे कुछ स्टॉक्स में हलकी तेजी देखी गई. लेकिन पूरा सेक्टर पिछले कुछ दिनों से कमजोर बना हुआ है.